NSE और BSE में क्या अंतर है / Difference between NSE and BSE
What are NSE and BSE?

(Introduction)
भारतीय शेयर बाजार दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर संचालित होता है। ये दोनों एक्सचेंज भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर भी हैं।
इस लेख में हम ” NSE और BSE में अंतर” पर चर्चा करेंगे, जहाँ आप सीखेंगे कि भारतीय शेयर बाजार में NSE और BSE की भूमिका क्या है।
1. NSE और BSE क्या हैं? (What are NSE and BSE?)
A. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE – Bombay Stock Exchange)
- स्थापना (Established): 1875 (एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज)
- संक्षिप्त नाम: BSE (बीएसई)
- मुख्य सूचकांक (Key Index): SENSEX (30 प्रमुख कंपनियों का समूह)
- कुल सूचीबद्ध कंपनियाँ (Listed Companies): 5,000+
- मार्केट कैप (Market Cap): ~₹300 लाख करोड़
B. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE – National Stock Exchange)
- स्थापना (Established): 1992 (भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज)
- संक्षिप्त नाम: NSE (एनएसई)
- मुख्य सूचकांक (Key Index): NIFTY 50 (50 प्रमुख कंपनियों का समूह)
- कुल सूचीबद्ध कंपनियाँ (Listed Companies): 2,000+
- मार्केट कैप (Market Cap): ~₹350 लाख करोड़
मुख्य अंतर:
✔ BSE, NSE से 117 साल पुराना है।
✔ NSE को डिजिटल ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था।
2. NSE और BSE में मुख्य अंतर (Key Differences Between NSE and BSE)
पैरामीटर | BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) | NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) |
---|---|---|
स्थापना वर्ष | 1875 (पुराना) | 1992 (नया) |
मुख्य इंडेक्स | SENSEX (30 कंपनियाँ) | NIFTY 50 (50 कंपनियाँ) |
कुल लिस्टेड कंपनियाँ | 5,000+ | 2,000+ (लेकिन अधिक लिक्विड) |
ट्रेडिंग वॉल्यूम | कम (NSE से कम एक्टिव, ज्यादातर SME कंपनियां) | ज्यादा (भारत में No. 1, बड़ी कंपनियों का प्रभुत्व) |
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म | BOLT (BSE Online Trading) | NEAT (National Exchange for Automated Trading) |
लिक्विडिटी | अपेक्षाकृत कम | अधिक (निवेशकों की संख्या ज्यादा) |
डीमैट अकाउंट | BSE स्टार म्यूचुअल फंड | NSE के साथ ज्यादातर ब्रोकर्स जुड़े |
Key Points :-
- NSE में हाई लिक्विडिटी के कारण बड़े निवेशक (FIIs, डोमेस्टिक फंड्स) ज्यादा सक्रिय हैं।
- BSE में SME और मिड-कैप कंपनियों की संख्या अधिक है।
3. इंडेक्स (Stock Market Indices)
BSE का सेंसेक्स (Sensex)
- 30 प्रमुख कंपनियां (Reliance, TCS, HDFC Bank आदि)
- भारतीय अर्थव्यवस्था का सूचक
NSE का निफ्टी 50 (Nifty 50)
- 50 प्रमुख कंपनियां (अधिक विविधता)
- अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों द्वारा ज्यादा ट्रैक किया जाता है
तुलना:
✔ निफ्टी 50 में अधिक कंपनियां शामिल होने के कारण यह बाजार का बेहतर संकेतक माना जाता है।
✔ सेंसेक्स भावनात्मक रूप से ज्यादा प्रभावशाली है (क्योंकि यह पुराना है)।
4. लिस्टेड कंपनियां (Listed Companies)
पैरामीटर | BSE | NSE |
---|---|---|
कुल कंपनियां | 5000+ | 2000+ |
प्रमुख कंपनियां | छोटे और मध्यम उद्यम (SMEs) | बड़ी कंपनियां (Bluechips) |
नोट:
- BSE SME प्लेटफॉर्म छोटी कंपनियों को लिस्टिंग देता है।
- NSE में ज्यादातर लार्ज-कैप और मिड-कैप कंपनियां लिस्टेड हैं।
5. NSE vs BSE – कौन बेहतर है? (Which is Better?)
A. निवेशकों के लिए (For Investors)
✔ NSE: ज्यादा लिक्विडिटी, बेहतर ट्रेडिंग स्पीड
✔ BSE: छोटी कंपनियों में निवेश के लिए अच्छा
B. ट्रेडर्स के लिए (For Traders)
✔ NSE: डेरीवेटिव्स (F&O) में बड़ा मार्केट
✔ BSE: SME कंपनियों में ट्रेडिंग के लिए उपयोगी
C. IPO के लिए (For IPOs)
- BSE: पुराने एक्सचेंज होने के कारण कुछ कंपनियाँ यहाँ लिस्ट होती हैं।
- NSE: ज्यादातर बड़े IPO NSE पर ही लिस्ट होते हैं (जैसे LIC, Paytm)।
उदाहरण: रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर (Example: Reliance Industries Shares)
एक्सचेंज | शेयर कीमत (₹) | ट्रेडिंग वॉल्यूम (दैनिक) |
---|---|---|
BSE | 2,850 | 10 लाख शेयर |
NSE | 2,852 | 50 लाख शेयर |
(इससे पता चलता है कि NSE पर ट्रेडिंग ज्यादा एक्टिव है।)
6. ट्रेडिंग टाइमिंग और हॉलिडे (Trading Hours & Holidays)
- दोनों एक्सचेंज एक ही समय पर काम करते हैं:
- सुबह 9:15 AM से 3:30 PM (सामान्य ट्रेडिंग)
- प्री-ओपन सेशन: 9:00 AM – 9:15 AM
अंतर:
- BSE और NSE के हॉलिडे अलग-अलग हो सकते हैं (स्थानीय त्योहारों के आधार पर)।
7. ग्लोबल रैंकिंग (Global Rankings)
पैरामीटर | BSE | NSE |
---|---|---|
मार्केट कैप (2024) | ~$4 ट्रिलियन | ~$3.5 ट्रिलियन |
विश्व रैंक | 10वां स्थान | 11वां स्थान |
नोट:
- BSE का मार्केट कैपिटलाइजेशन थोड़ा अधिक है क्योंकि इसमें ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं।
8. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या मुझे BSE और NSE दोनों में ट्रेडिंग के लिए अलग-अलग डीमैट अकाउंट चाहिए?
उत्तर: नहीं, एक ही डीमैट अकाउंट से आप दोनों एक्सचेंजों पर ट्रेड कर सकते हैं।
Q2. कौन सा एक्सचेंज शुरुआती निवेशकों के लिए बेहतर है?
उत्तर: NSE, क्योंकि इसमें ज्यादा लिक्विडिटी और बेहतर ट्रेडिंग सुविधाएँ हैं।
Q3. क्या BSE और NSE पर शेयर की कीमतें अलग-अलग होती हैं?
उत्तर: हाँ, थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन आर्बिट्राज के कारण यह अंतर ज्यादा नहीं होता।
9.निष्कर्ष (Conclusion)
एनएसई (NSE) और बीएसई (BSE) दोनों ही भारतीय शेयर बाजार के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, लेकिन इनमें कुछ प्रमुख अंतर हैं:
✔ BSE – एशिया का सबसे पुराना एक्सचेंज, SMEs पर फोकस, सेंसेक्स इंडेक्स, ऐतिहासिक महत्व, छोटी कंपनियों में निवेश के लिए अच्छा
✔ NSE – ज्यादा लिक्विड, निफ्टी 50 इंडेक्स, डे ट्रेडर्स की पहली पसंद, ज्यादा पॉपुलर, हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम, बेहतर टेक्नोलॉजी
निवेशकों के लिए सलाह:
- शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग → NSE (बेहतर लिक्विडिटी)
- लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट → BSE भी अच्छा विकल्प
“दोनों एक्सचेंजों में ट्रेडिंग करके अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें!”
अगले लेख के लिए जानकारी (Next Post Preview)
अगले लेख में हम “Nifty 50 और Sensex क्या हैं? – पूरी जानकारी“ पर चर्चा करेंगे, जहाँ आप सीखेंगे कि भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक कैसे काम करते हैं।
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