How Does The Stock Market Work in India? / शेयर मार्केट कैसे काम करता है?
Indian Stock Market कैसे काम करता है?

इस लेख में हम “How Does The Stock Market Work in India?“ पर चर्चा करेंगे, जहाँ आप सीखेंगे कि Indian Stock Market कैसे काम करता है?
1. शेयर मार्केट कैसे काम करता है? (How Does The Stock Market Work in India?)
(A) कंपनियों की लिस्टिंग (Listing of Companies)
- कोई भी कंपनी IPO (Initial Public Offering) के जरिए शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
- IPO के बाद, कंपनी के शेयर बाजार में खुलेआम खरीदे-बेचे जाते हैं।
(B) खरीदने-बेचने की प्रक्रिया (Trading Process)
- डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना:
- शेयर खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट (शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने के लिए) और ट्रेडिंग अकाउंट (खरीद-बिक्री के लिए) की जरूरत होती है।
- ऑर्डर प्लेस करना (Placing an Order):
- निवेशक ब्रोकर (Zerodha, Upstox, ICICI Direct) के माध्यम से बाय (Buy) या सेल (Sell) ऑर्डर देता है।
- ऑर्डर मैचिंग (Order Matching):
- एक्सचेंज बायर्स और सेलर्स के ऑर्डर को मैच करता है।
- जब खरीदार और विक्रेता की कीमत मैच हो जाती है, तो ट्रेड पूरा होता है।
- सेटलमेंट (Settlement):
- T+1 दिन (ट्रेड डेट के अगले दिन) में शेयर और पैसे का आदान-प्रदान होता है।
(C) शेयर की कीमत कैसे तय होती है? (How Share Prices Are Determined)
शेयर की कीमत डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है:
- ज्यादा खरीदार = कीमत बढ़ती है (Bull Market)
- ज्यादा विक्रेता = कीमत गिरती है (Bear Market)
2. भारत में शेयर मार्केट के प्रमुख भाग/ढांचा (Structure of Indian Stock Market)
(A) रेगुलेटरी बॉडी (Regulatory Body)
- SEBI (Securities and Exchange Board of India) – भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
- यह स्टॉक मार्केट को रेगुलेट करता है और निवेशकों के हितों की रक्षा करता है।
(B) स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchanges)
- BSE (Bombay Stock Exchange)
- स्थापना: 1875 (एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज)
- प्रमुख इंडेक्स: SENSEX (30 कंपनियों का सूचकांक)
- NSE (National Stock Exchange)
- स्थापना: 1992
- प्रमुख इंडेक्स: NIFTY 50 (50 कंपनियों का सूचकांक)
(C) डिपॉजिटरी (Depositories)
ये इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों को होल्ड करते हैं (Demat Account के माध्यम से)।
NSDL (National Securities Depository Limited)
CDSL (Central Depository Services Limited)
(D) ब्रोकर्स (Stock Brokers)
- ब्रोकर निवेशक और स्टॉक एक्सचेंज के बीच मध्यस्थ का काम करते हैं।
- उदाहरण: Zerodha, Upstox, Angel Broking
(E) इंडेक्स (Stock Market Indices)
- सेंसेक्स (BSE) और निफ्टी 50 (NSE) बाजार के प्रदर्शन को दर्शाते हैं।
- ये इंडेक्स टॉप कंपनियों के शेयर प्राइस के औसत से बनते हैं।

3. शेयर मार्केट कैसे काम करता है? (How Stock Market Works?)
(A) प्राइमरी मार्केट (Primary Market)
- यहाँ कंपनियां पहली बार शेयर जारी करती हैं (IPO, FPO, Rights Issue के माध्यम से)।
- IPO (Initial Public Offering): जब कोई कंपनी पहली बार सार्वजनिक होती है।
- उदाहरण: LIC IPO (2022), Paytm IPO (2021)
(B) सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market)
- यहाँ निवेशक आपस में शेयर खरीदते-बेचते हैं।
- ट्रेडिंग प्रक्रिया (Trading Process):
- ब्रोकर के माध्यम से ऑर्डर देना (Place Order via Broker)
- एक्सचेंज पर ऑर्डर का मिलान (Order Matching on Exchange)
- सेटलमेंट (Settlement – T+1 Day)
(C) शेयर की कीमत कैसे तय होती है? (How Stock Price is Determined?)
- डिमांड और सप्लाई (Demand & Supply) पर निर्भर करता है।
- फंडामेंटल फैक्टर्स (Fundamentals): कंपनी का प्रॉफिट, ग्रोथ, मैनेजमेंट।
- टेक्निकल फैक्टर्स (Technical Factors): चार्ट पैटर्न, ट्रेंड।
4. निवेश के प्रकार (Types of Investment in Stock Market)
(A) इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
- एक ही दिन में शेयर खरीदकर बेचना।
- जोखिम: ज्यादा वोलेटिलिटी (उतार-चढ़ाव)।
(B) स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
- कुछ दिनों से हफ्तों तक शेयर होल्ड करना।
- फायदा: इंट्राडे से कम रिस्क।
(C) लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट (Long-Term Investing)
- सालों तक शेयर रखना (जैसे Warren Buffett की स्टाइल)।
- फायदा: कंपाउंडिंग का लाभ।
5. तुलना: इंट्राडे ट्रेडिंग vs लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग (Comparison: Intraday Trading vs Long-Term Investing)
पैरामीटर | इंट्राडे ट्रेडिंग | लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग |
---|---|---|
समय अवधि (Time Horizon) | 1 दिन | 5-10+ साल |
जोखिम (Risk) | बहुत अधिक (High) | कम (Low) |
रिटर्न की संभावना | तेज मुनाफा (Quick Profit) | स्थिर रिटर्न (Steady Growth) |
टैक्स (Taxation) | STCG (15%) | LTCG (10% over ₹1 Lakh) |
(नए निवेशकों के लिए लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग बेहतर विकल्प है।)
6.लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टिंग उदाहरण:
टाटा मोटर्स के शेयर की ट्रेडिंग (Example: Trading in Tata Motors Shares)
चरण (Step) | विवरण (Details) |
---|---|
1. खरीदारी (Buy Order) | आप Zerodha पर ₹800 पर 10 शेयर खरीदने का ऑर्डर देते हैं। |
2. ऑर्डर मिलान (Order Matching) | एक विक्रेता ₹800 पर 10 शेयर बेचने को तैयार होता है। |
3. ट्रेड कंप्लीट (Trade Execution) | आपके डीमैट अकाउंट में 10 शेयर जमा हो जाते हैं। |
4. सेल ऑर्डर (Sell Order) | 1 महीने बाद, आप ₹850 पर शेयर बेच देते हैं। |
5. प्रॉफिट (Profit) | आपका मुनाफा = (₹850 – ₹800) × 10 = ₹500 |
(इस तरह शेयर मार्केट में ट्रेडिंग होती है।)
7. शेयर बाजार के जोखिम (Risks in Stock Market)
- मार्केट रिस्क (Market Risk): बाजार में गिरावट से नुकसान।
- लिक्विडिटटी रिस्क (Liquidity Risk): शेयर को जल्दी न बेच पाना।
- क्रेडिट रिस्क (Credit Risk): कंपनी के डिफॉल्ट करने का खतरा।
जोखिम कम करने के उपाय:
✔ डायवर्सिफिकेशन (अलग-अलग शेयरों में निवेश)
✔ स्टॉप-लॉस ऑर्डर (नुकसान सीमित करना)
✔ फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च करना
8. नए ट्रेंड्स (New Trends in Indian Stock Market)
- डिजिटल ट्रेडिंग (Online Trading Platforms): Zerodha, Groww जैसे ऐप्स ने ट्रेडिंग को आसान बनाया है।
- अल्गो ट्रेडिंग (Algorithmic Trading): रोबोट्स द्वारा ऑटोमेटेड ट्रेडिंग।
- ETF (Exchange Traded Funds): इंडेक्स को फॉलो करने वाले फंड्स।
9. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या शेयर मार्केट में पैसा डूब सकता है?
उत्तर: हाँ, अगर गलत शेयर चुन लिए जाएं या बिना रिसर्च निवेश किया जाए।
Q2. शेयर मार्केट में न्यूनतम निवेश कितना होता है?
उत्तर: कोई न्यूनतम सीमा नहीं, ₹500 से भी शुरुआत कर सकते हैं।
Q3. क्या शेयर मार्केट में सफल होने के लिए बड़ी रकम चाहिए?
उत्तर: नहीं, SIP (Systematic Investment Plan) से छोटी रकम से भी शुरुआत कर सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
भारतीय शेयर बाजार एक पारदर्शी और व्यवस्थित प्रणाली है जो कंपनियों और निवेशकों को एक साथ लाता है। यहां पैसा लगाने से पहले बाजार के नियमों, जोखिमों और रणनीतियों को समझना जरूरी है।
“शेयर बाजार में सफलता के लिए धैर्य, अनुशासन और सीखते रहने की मानसिकता चाहिए। छोटी-छोटी गलतियों से सीखकर आप एक सफल निवेशक बन सकते हैं!”
अगले लेख के लिए जानकारी (Next Post Preview)
अगले लेख में हम “NSE और BSE में अंतर / Difference between NSE and BSE“ पर चर्चा करेंगे, जहाँ हम BSE और NSE के बीच मुख्य अंतरों को विस्तार से समझेंगे।
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