Mutual Fund Investing
SIP vs Lump Sum Investment – Which is Better in India?
SIP vs Lump Sum investment which is better for long term?

Introduction
भारतीय शेयर बाजार में निवेश (Investment) करने के दो प्रमुख तरीके हैं – SIP (Systematic Investment Plan) और Lump Sum Investment। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, लेकिन निवेशकों के लिए यह समझना जरूरी है कि कौन-सा तरीका उनकी वित्तीय जरूरतों और जोखिम लेने की क्षमता के अनुकूल है।
इस लेख में हम ” SIP vs Lump Sum Investment – Which is Better in India? “ पर चर्चा करेंगे,
जहाँ हम विस्तार से जानेंगे:
- SIP और Lump Sum निवेश क्या है?
- दोनों में अंतर और तुलना
- किसमें जोखिम कम है?
- कौन-सा तरीका बेहतर रिटर्न देता है?
1. SIP और Lump Sum निवेश क्या है? (What is SIP and Lump Sum Investment?)
SIP (Systematic Investment Plan)
- SIP एक नियमित निवेश योजना है जहां आप हर महीने एक निश्चित रकम म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश करते हैं।
- यह लंबी अवधि के लिए बेहतर माना जाता है क्योंकि यह रुपये की लागत औसतन (Rupee Cost Averaging) का फायदा देता है।
- उदाहरण: अगर आप हर महीने ₹5,000 एक म्यूचुअल फंड में डालते हैं, तो यह एक SIP है।
Lump Sum Investment
- Lump Sum निवेश में आप एक बार में बड़ी रकम निवेश करते हैं।
- यह तब फायदेमंद होता है जब बाजार नीचे हो और भविष्य में ग्रोथ की संभावना हो।
- उदाहरण: अगर आप एक साल में ₹60,000 एक साथ म्यूचुअल फंड में डालते हैं, तो यह Lump Sum निवेश है।
2. SIP vs Lump Sum – तुलना और अंतर (Comparison)
पैरामीटर (Parameter) | SIP | Lump Sum |
---|---|---|
निवेश की अवधि | लंबी अवधि (5+ साल) | कम या लंबी अवधि |
जोखिम (Risk) | कम (Market Volatility कम प्रभावित करती है) | ज्यादा (एक बार में पूरा पैसा लगाने से नुकसान का खतरा) |
रिटर्न (Returns) | स्थिर और औसतन अच्छा | बाजार के अनुसार बेहतर या खराब |
निवेश का समय | बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा | सही समय पर निवेश करना जरूरी |
लिक्विडिटी (Liquidity) | आसान (कुछ फंड्स में Exit Load लगता है) | आसान, लेकिन बाजार गिरने पर नुकसान |
3. उदाहरण के साथ समझें (Example with a Script)
मान लीजिए आपने 2020 में ₹1,20,000 निवेश किया और 2023 तक रखा।
CASE 1: SIP (₹10,000/month for 12 Months)
महीना (Month) | NAV (Price per Unit) | यूनिट्स (Units Bought) |
---|---|---|
Jan 2020 | ₹100 | 100 |
Feb 2020 | ₹90 | 111.11 |
Mar 2020 | ₹80 | 125 |
… | … | … |
Dec 2020 | ₹120 | 83.33 |
कुल यूनिट्स = 1,100 | ||
2023 में NAV = ₹150 | ||
कुल रकम = 1,100 × 150 = ₹1,65,000 |
CASE 2: Lump Sum (₹1,20,000 in Jan 2020)
- NAV in Jan 2020 = ₹100
- Units Bought = 1,200
- 2023 में NAV = ₹150
- कुल रकम = 1,200 × 150 = ₹1,80,000
Conclusion :
- Lump Sum ने ज्यादा रिटर्न दिया क्योंकि बाजार ऊपर गया।
- अगर बाजार गिरता, तो SIP बेहतर होता।
4. कौन सा बेहतर? (Which is Better?)
- SIP अच्छा है अगर:
- आपके पास हर महीने निवेश के लिए पैसा है।
- आप जोखिम कम लेना चाहते हैं।
- बाजार की टाइमिंग नहीं समझते।
- Lump Sum अच्छा है अगर:
- आपके पास एकमुश्त पैसा है।
- बाजार नीचे है और आपको उछाल की उम्मीद है।
- आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं।
5. SIP vs Lump Sum से जुड़े FAQs
Q1. क्या SIP में गारंटीड रिटर्न मिलता है?
No, SIP भी मार्केट पर निर्भर करता है, लेकिन यह जोखिम कम करता है।
Q2. Lump Sum में नुकसान होने पर क्या करें?
- लंबी अवधि तक होल्ड करें या SIP के साथ औसतन खरीदारी करें।
Q3. क्या SIP और Lump Sum को मिक्स कर सकते हैं?
हां, यह एक बेहतर स्ट्रैटेजी हो सकती है।
6. Conclusion
- SIP सुरक्षित और अनुशासित निवेशकों के लिए बेहतर है।
- Lump Sum उनके लिए अच्छा है जो बाजार को टाइम कर सकते हैं।
- दोनों को मिलाकर भी निवेश किया जा सकता है।
7. अगले पोस्ट के लिए जानकारी (Next Post Preview)
अगले आर्टिकल में हम “म्यूचुअल फंड vs स्टॉक मार्केट – कहाँ निवेश करें?” पर चर्चा करेंगे।