Types of Mutual Funds and Which Fund is Right for You?
Types of Mutual Funds in India 2025

Introduction
म्यूचुअल फंड निवेश का एक लोकप्रिय तरीका है जिसमें कई निवेशकों के पैसे को एकत्रित करके विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे शेयर, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज आदि में निवेश किया जाता है। यह निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन (विविधीकरण) और पेशेवर फंड मैनेजमेंट का लाभ देता है। लेकिन, म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं, और सही फंड चुनना आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि पर निर्भर करता है।
इस लेख में हम ” Types of Mutual Funds and Which Fund is Right for You? “ पर चर्चा करेंगे, जहाँ हम म्यूचुअल फंड के विभिन्न प्रकारों, उनकी विशेषताओं, उदाहरणों, तुलना और FAQs के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
भारतीय स्टॉक मार्केट में म्यूचुअल फंड के सभी प्रकार – एक विस्तृत गाइड
(All Types of Mutual Funds in the Indian Stock Market – A Detailed Guide)
1. म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds)
म्यूचुअल फंड्स को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे:
A. संरचना के आधार पर (Based on Structure)
(i) ओपन-एंडेड फंड (Open-Ended Funds)
- इन फंड्स में निवेशक किसी भी समय यूनिट्स खरीद या बेच सकते हैं।
- NAV (Net Asset Value) प्रतिदिन घोषित की जाती है।
- उदाहरण: SBI Bluechip Fund, HDFC Top 100 Fund.
(ii) क्लोज-एंडेड फंड (Close-Ended Funds)
- इन फंड्स की एक निश्चित मैच्योरिटी अवधि होती है।
- सिर्फ NFO (New Fund Offer) के समय ही खरीदे जा सकते हैं।
- उदाहरण: ICICI Prudential Equity & Debt Fund.
(iii) इंटरवल फंड (Interval Funds)
- यह ओपन और क्लोज-एंडेड फंड का मिश्रण है।
- कुछ विशेष अवधियों में ही खरीद-बिक्री की अनुमति होती है।
B. निवेश के उद्देश्य के आधार पर (Based on Investment Objective)
(i) इक्विटी फंड (Equity Funds)
- मुख्य रूप से स्टॉक्स में निवेश किया जाता है।
- उप-प्रकार:
- लार्ज-कैप फंड (Large-Cap Funds)
- मिड-कैप फंड (Mid-Cap Funds)
- स्मॉल-कैप फंड (Small-Cap Funds)
- सेक्टोरल फंड (Sectoral/Thematic Funds)
- उदाहरण: Axis Bluechip Fund (Large-Cap), Mirae Asset Emerging Bluechip (Mid-Cap).
(ii) डेट फंड (Debt Funds)
- बॉन्ड्स और फिक्स्ड-इनकम सिक्योरिटीज में निवेश।
- उप-प्रकार:
- लिक्विड फंड (Liquid Funds)
- शॉर्ट-टर्म फंड (Short-Term Funds)
- गिल्ट फंड (Gilt Funds)
- उदाहरण: Franklin India Ultra Short Bond Fund.
(iii) हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds)
- इक्विटी और डेट दोनों में निवेश।
- उप-प्रकार:
- एग्रेसिव हाइब्रिड (Equity-Oriented)
- कंजर्वेटिव हाइब्रिड (Debt-Oriented)
- बैलेंस्ड फंड (Balanced Funds)
- उदाहरण: ICICI Prudential Equity & Debt Fund.
(iv) इंडेक्स फंड/ETF (Index Funds/ETFs)
- किसी विशेष इंडेक्स (जैसे Nifty 50) को ट्रैक करते हैं।
- उदाहरण: UTI Nifty Index Fund.
(v) सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड (Solution-Oriented Funds)
- विशेष लक्ष्यों के लिए (जैसे रिटायरमेंट, चाइल्ड एजुकेशन)।
- उदाहरण: SBI Retirement Benefit Fund.
(vi) इंटरनेशनल फंड (International Funds)
- विदेशी मार्केट्स में निवेश।
- उदाहरण: Franklin US Opportunities Fund.
2. म्यूचुअल फंड के बारे में जानने योग्य बातें (Key Points to Know)
टैक्सेशन: इक्विटी फंड्स में LTCG (Long-Term Capital Gains) 10% (1 लाख से अधिक), डेट फंड्स में इनकम के अनुसार टैक्स।
रिस्क और रिटर्न: इक्विटी फंड्स में रिस्क ज्यादा लेकिन रिटर्न भी अधिक होता है, जबकि डेट फंड्स सुरक्षित होते हैं।
एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio): फंड मैनेजमेंट फीस, जो NAV से काटी जाती है।
SIP vs Lumpsum: SIP (Systematic Investment Plan) में नियमित निवेश, जबकि lumpsum में एकमुश्त निवेश।
2. कौन सा फंड आपके लिए सही है? (Which Fund is Right for You?)
पैरामीटर | इक्विटी फंड | डेट फंड | हाइब्रिड फंड |
---|---|---|---|
जोखिम | उच्च | कम | मध्यम |
रिटर्न | उच्च | मध्यम | मध्यम-उच्च |
निवेश अवधि | 5+ साल | 1-3 साल | 3-5 साल |
उपयुक्त | युवा/लॉन्ग टर्म | रिटायर्ड/शॉर्ट टर्म | बैलेंस्ड रिस्क लेने वाले |
3. उदाहरण (Example with Script)
स्क्रिप्ट:
निवेशक: मैं ₹5000 प्रति माह SIP के रूप में निवेश करना चाहता हूँ। कौन-सा फंड चुनूँ? फाइनेंशियल एडवाइजर: आपकी रिस्क प्रोफाइल के अनुसार, आप Axis Bluechip Fund (लार्ज-कैप) या Mirae Asset Emerging Bluechip (मिड-कैप) में SIP शुरू कर सकते हैं।- यदि आप 25 साल के हैं और रिटायरमेंट के लिए निवेश कर रहे हैं → लार्ज-कैप या फ्लेक्सी-कैप फंड।
- यदि आप 2 साल में घर खरीदना चाहते हैं → डेट फंड या लिक्विड फंड।
- यदि आप टैक्स बचाना चाहते हैं → ELSS फंड।
3. तुलना (Comparison)
इक्विटी vs डेट फंड
फैक्टर | इक्विटी फंड | डेट फंड |
---|---|---|
रिटर्न | 12-15% | 6-8% |
जोखिम | उच्च | कम |
लिक्विडिटी | अच्छी | बेहतर |
4. FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कितने पैसे चाहिए?
- SIP के जरिए ₹500/माह से शुरू कर सकते हैं।
Q2. क्या म्यूचुअल फंड सुरक्षित हैं?
- हां, लेकिन इक्विटी फंड में मार्केट रिस्क होता है।
Q3. SIP vs Lump Sum – क्या बेहतर है?
- SIP मार्केट वोलेटिलिटी को कम करता है, इसलिए बेहतर विकल्प है।
5. Conclusion
म्यूचुअल फंड एक बेहतरीन निवेश विकल्प है, लेकिन सही फंड चुनने के लिए आपको अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि को समझना होगा। यदि आप लॉन्ग-टर्म में हाई रिटर्न चाहते हैं, तो इक्विटी फंड बेहतर हैं, जबकि शॉर्ट-टर्म गोल के लिए डेट फंड उपयुक्त हैं।
6. अगले लेख के लिए जानकारी (Next Post Preview)
अगले लेख में हम “SIP vs Lump Sum निवेश – कौन सा बेहतर और क्यों?“ पर चर्चा करेंगे।